पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/१३९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१२२४
भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेजी राज के बाद बूढ़े मोर रुस्तम ब्राँ की मृत्यु हुई । टालपुर कुटुम्व के शेष लोग सूरत व अन्य जेलों में धीरे धीरे सड़ सड़ कर मरे । सीर'रुस्तम खाँ का एक लड़का मीर मोहम्मद हुसेन अपने घर की बूढ़ी स्त्रियों और अन्य आश्रितों सहित भूखा प्यासा अपने देश से निर्वासित बहुत दिनों ग्र विहीन घूमता रहा । उसके कुछ छोटे भाई सिन्ध में रहे, जिनके विषय में ईस्टबिक लिखता है कि भूख और प्यास, नन और सरदी उनके पहले पड़ी 18 हैदराबाद और खैरपुर को बेगमों की हालत और इससे भी अधिक हृदय विदारक थी । सिन्ध के राजकुल सिन्ध के राजकुल की इस दुर्दशा को अत्यन्त मर्मस्पर्शी शब्दों में की दुर्दशा . वर्णन करते हुए ईस्टविक लिखता है-

  • x x & ये लोग हमारे मित्र थे x ईं हैं हमने इनके चारों तरफ़

कूटनीति और धूर्तसा का एक जाल पूर दियाऔर उन्हें इस प्रकार की झूठी बातों के पाश में फंसा दिया जिन्हें यदि इस समय प्रकट किया जाय तो सुन ने कर दिन में भी डर लगने लगे ! इकलिस्तान के पुरुषो ! जिस स्वतन्त्रता का तुम्हें घमण्ड है उसका चिन्तन करो, और देखो कि तुम्हारे हृदय में उन लोगों के प्रति वास्तविक सहानुभूति उत्पन्न होती है या नहींजो अपने देश और अपनी स्वाधीनता की रक्षा के लिए तुम्हारी तलवार से कट कर मर गए, और उन थोड़े से, किन्तु कहीं अधिक प्रभारी अमीरों के लिए, जो किसी समय तुम्हारे मित्र थे, बल्कि किसी समय तुम पर उपकार करते थे, और जो । के

  • " Hunger and thirst, cold and nakedness, have been their portion"

Day Zeawas frors Yartng Eg, 2, 298.