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१३१४
भारत में अंगरेज़ी राज

१३१४ भारत में अंगरेज़ी राज शान्तिप्रियता सप्ताह के अन्दर अन्दर पहली जनवरी सन् १८५२ को वरमा के महाराजा का उत्तर कमाण्डर लैम्बर्ट के पास बरमा दरबार की पहुँच गयाबरमा का महाराजा गंगरेजों में । बौद्ध के साथ लड़ना न चाहता था। उसने बिना जाँच लैम्ब की लव शिकायतों को सच मान लिया, राज की ओर से क्षतिपूर्ति का वादा किया और अपनी सच्चाई और मित्रता प्रकट करने के लिए रखून के शासक को फ़ौरन् बदल कर उसकी जगह दूसरा गवरनर नियुक्त कर दिया। १ जनवरी सन् १८५२ को लैम्ब ने भारत सरकार के नाम पक पत्र में लिखा कि "बरमा की सरकार ने रबून के शासक को बरखास्त कर दिया है और कम्पनी की माँग को पूरा करने का वादा किया है । मेरी सम्मति में बरमा का बादशाह सच्चा है और उसकी सरकार अपने वादों को पूरा करेगी ।’’ ई ४ जनवरी सन् १८५२ को नया शासक रंगून पहुँचा। कमाण्डर लैम्बर्ट को अब जिस तरह हो सकेनए शासक रंगून का नया के साथ झगड़ा मोल लेने की चिन्ता हुई। ५ जनवरी को लैम्वर्ट ने एडवर्डस नामक अपने एक आदमी को इस नए शासक के पास भेजकर यह ) दरयाफ्त करवाया कि कमाण्डर लैम्बर्ट भारत सरकार की सब शिकायतों और माँ का पक व्योरेवार पत्र आपके पास भेजना चाहता है, आप उस पत्र को कय होने के लिए तैयार होंगे । वरमी .शासक ने उत्तर में कहला भेजा कि पत्र कल ही मेरे पास भेज दिया। । शासक