पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/३१०

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सन् १८५७ की क्रान्ति से पहले

सन् १८७ की क्रान्ति से पहले सहस्त्राँ मौलवी और सहनों पण्डित विप्लव की सफलता के लिए -जगह जगह ईश्वर से प्रार्थनाएं करने लगे । विप्लव के इस समय पाँच मुख्य केन्द्र थे—दिल्ली, विट्र, लखनऊ, कलकत्ता और सतारा। निम्सईद क्रान्ति के केन्द्र जिस शीव्रता गौर वेग के साथ समस्त भारत यार विशेषकर उत्तरीय भारत में बिप्लब का प्रचार किया गया। वह अत्यन्त नाश्चर्यजनक था 1 तारीफ़ यह कि अंगरेजों को प्रत समय तक इस तैयारी का कुछ भी शान न हो सका । याचर्यजनक • सन् १८५७ के इस गुप्त सनठन के विषय में एक अंगरे ले तक जैकब लिग्नता है जिस बार पर्यजनक गुप्त ढंग से पढ समस्त गुप्त संगठन पम्म चलाया गया, जितनी दूरदर्शिता के साथ योजनाएँ की गईं, जिस सायधानी के साथ इस संगठन के विविध समूह एक दूसरे के साथ काम करते थे, एक समूह का दूसरे समूह के साथ सम्बन्ध रखने वाले योग का किसी को पता न चलता था, पर इन लोर्गों को केवल इतनी ही सूचना दी जाती थी जितनी उनके कार्य के लिए शरापरय क होती थी, इन सब यातों को बयान कर सकना कठिन है । और ये लोग एक दूसरे के के साथ यो 3श्चर्यजनक घफ़ादारी का व्यवहार करते थे ।" • " But it is dicult to escribr the rodertal Accreey rit r) ::: ) ए:: whole conspiracy was conducted and the forthoucat sultto kar ra". and the dation with which wach Roup of conspirator r nelry Pr, cealin the connectio links, and intructip; the) इwith jus: crieir ' : t: mation for the purpoAC in vie r, Ard at t:ik w t qually ey y !!