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१५१२
भारत में अंगरेज़ी राज

१५१२ भारत में अंगरेजी राज में से निकल कर कुछ भागते हुए और कुछ तैरते हुए नदी के ऊपर को और एक मील के फ़ासले पर एक टापू में श्राश्रय लिया । दो किश्तियाँ मौके पर मौजूद थीं । तीस सत्र सबार इन किश्तियों में बैठ कर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए भेजे गए 1 करीब साठ बन्दूकों के मुंह उन लोगों की ओर कर दिए गए । दूर से बन्दूक को देख कर उन मुसीबतजदा लोगों ने हाथ जोड़ कर अपनी निषता प्रकट की औौर प्राण दान चाहा । इसी समय उनमें से पचास के करीब नैराश्य के कारण पानी में कूद पड़े और फिर दिखाई न दिए। " शेप को गिरफ्तार कर लिया गया औौर थोड़े थोड़े करके किश्तियों में बैठा कर किनारे तक पहुँचा दिया गया । किनारे पर पहुँच कर उनके गल से मालाएँ आदि काट कर फेंक दी गई, उन्हें अलग अलग गिरोहों में अच्छी तरह वाँध दिया गया और सिख सवारों की देख रेख में धीरे धीरे - जनाले पहुँचा दिया गया । उस समय ज़ोर की बारिश हो रही थी । आधी रात के करीब कुल २८२ सिपाही जिनमें कई अफसर भी थे, अजनाले के थाने पर पहुँच गए । कूपर अजनाले की काल ने पहले से अजनाले के थाने में इन सब को कोठरी फाँसी देने के लिए रस्सियाँ और गोली से उड़ाने के लिए पचास सश सिख सिपाहियों का प्रबन्ध कर रक्खा था । किन्तु बारिश के कारण यह कार्य सुबह के लिए स्थगित किया गया । ये सब लोग पुलिस के मकान में न आ सकते थे ।