पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/४५२

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१५१३
दिल्ली, पंजाब और बीच की घटनाएँ

दितीपंजाब और बीच की घटनाएँ १५१३ पास हो तहसील की नई इमारत बन कर तैयार थी 1 अधिकांश क सुबह तक के लिए पुलिस के थाने में बन्द कर दिया गया, और ६६ को तहसील की नई इमारत के एक छोटे से गुम्बद में वन्द कर दिया गया। यह गुम्बद बहुत तईं था 1 उसके दरवाज़े चारों ओर से वन्द कर दिए गए । अगले दिन पहली अगस्त को बकरीद थी। प्रातःकाल इन भागों को दस दस करके वाहर लाया गया । शुक्ररीद का । कूपर थाने के सामने बैठा हुआ था। दस सिखाः यौहार सिपाही एक और बन्दूकें लिए खड़े रहते थे । शेष चालीस उनके ग्रास पास मदद के लिए रहते थे 1 सामने नाते ही इन लोगर्मी को गोली से उड़ा दिया जाता था 1 इनमें से अधिकांश सिपाही हिन्दू थे। लिखा है कि उनमें से कुछ ने मरते समय सिखों को गहरा जी की दुहाई दमथुट कर यन्स देकर लानत मलामत की 1 जव थाने के फ़ैदी ख़त्म होगए तो गुम्बद के कैदियों को बाहर निकाला गया । किन्तु अभी कुल २३७ सिपाहो हो गोलो से उड़ाए गए थे, अर्थात् गुम्बद में से केवल २१ सिपाही बाहर निकले थे कि कूपर को सूचना दी गई कि शेप कैदी गुम्बद से बाहर निकलने से इनकार करते हैं । कूपर लिखता है कि पहले उनको दुरुस्त करने का प्रबन्ध किया गया। फिर भीतर जाकर देखा गया तो शेप ४५ सिपाहियों की ।