पेशवा को फांसने के प्रयत्न ५७५ के समस्त बल को तोड़ना था। इसीलिए वह इस प्रयत्न में था कि पहले किसी भी एक मराठा नरेश के साथ सब्सीडीयरी सन्धि कर ली जाय । इतिहास लेखक मिल ने बड़ी अच्छी तरह दिखलाया है कि किस प्रकार वेल्सली "एक एक कर तमाम मराठा रियासतों की स्वाधीनता हर लेने की आशा करता था।" दक्षिण में करनल क्लोज़ बाजीराव को समझा बुझा रहा था और उत्तर में करनल कॉलिन्स दौलतराव सींधिया को 'सबसी- डीयरी' सन्धि के जाल में फांसने की कोशिश कर रहा था। किन्तु दौलतराव काफ़ी समझदार और दूरदर्शी था। कॉलिन्स के अनेक तरह समझाने बुझाने पर भी उसने न केवल स्वयं घेल्सली और कॉलिन्स की चालों " में श्राने से इनकार किया, वरन् इस बात पर भी ज़ोर दिया कि मराठा मण्डल के सदस्य की हैसियत से पेशवा के मामलों में दखल देने का भी मुझे अधिकार है। उसने इस बात की पूरी कोशिश को कि पेशवा भी इस नई सन्धि की चाल में न पाने पावे । वेल्सली को अपनी असफलता की सूचना देते हुए कॉलिन्स ने लिखा :- ___ "सींधिया और अंगरेज़ सरकार के बीच इस समय जो मित्रता कायम है उसे बनाए रखने के लिए सींधिया उत्सुक है। साथ ही भापको यह सूचित कर देना मैं अपना आवश्यक कर्तव्य समझता हूँ कि मुझे पका विश्वास है कि इस सम्बन्ध को बढ़ाने के लिए वह कतई राजी नहीं हो सकता।" ."Sindhha was anxuously desirous to.preserve the relations of friend-
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