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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/१६५

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५७७
पेशवा को फांसने के प्रयत्न

५७७ हमला पेशवा को फांसने के प्रयत्न मौका पाकर पूना लौट आया। वेल्सली और उसके साथियों को अब एक और नया और अधिक प्रबल कुचक रचना पड़ा। ऊपर श्रा चुका है कि जसवन्तराव होलकर इस समय नागपुर में था और विट्ठोजी होलकर कोल्हापुर में था। जसवन्सराव का घेल्सली ने इन दोनों को अपनी ओर फोड़ा। अंगरेजों से मिल कर दौलतराव पर अंगरेज़ दूत कोलबुक बरार के राजा को सींधिया के विरुद्ध फोड़ने के लिए नागपुर पहुँच चुका था। कोलक को अब तक काफ़ी सफलता प्राप्त हो चुकी थी। इधर दौलतराव सींधिया के राजपूत सामन्तों और माधोजी सींधिया की विधवाओं को अपनी ओर करने में भी वेल्सली को चुपचाप बहुत अंशों में सफलता मिल चुकी थी। अंगरेजों ने अव जसवन्तराव होलकर को दौलतराव सीधिया के विरुद्ध तैयार किया और अंगरेजों की मदद से जलवन्तराव ने नागपुर से भाग कर सेना जमा करके सींधिया के राज पर हमला कर दिया और सीधिया के इलाके को लूटना और बरबाद करना शुरू किया। दौलतराव को इस अचानक हमले का समाचार सुनते ही फिर पूना छोड़ कर मालवा की ओर लौट आना पड़ा। किन्तु इस बार वह अपनी विशाल सेना सींधिया की भापसी ' में से पाँच पलटन पैदल और दस हज़ार सवार पूना छोड़ गया। शेष सेना लेकर वह मालवा पहुँचा। कई स्थानों पर होलकर और सींधिया की सेनाओं में