पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२१२

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दूसरे मराठा युद्ध का प्रारम्भ

दूसरे मराठा युद्ध का प्रारम्भ ६२३ २१ जुलाई की रात को जनरल वेल्सली के पत्र का उत्तर तय करने के लिए सींधिया और बरार के राजा के बीच फिर बातचीत हुई । २२ जुलाई को कॉलिन्स ने सींधिया को लिखा- ____ "चू कि करनन कॉलिन्स को मालूम हुमा है कि कल रात महाराजा दौलतराव सींधिया और राजा राघोजी भोसले के बीच महाराजा के नाम जनरल वेल्सली के पत्र का उत्तर तय करने के लिए बातचीत हुई है, इसलिए मेरी प्रार्थना है कि महाराजा दौखतराव सोंधिया उस बातचीत के नतीजे की मुझे इत्सला देंxxx" - २४ जुलाई सन् १८०३ को दोनों मराठा नरेशों में कॉलिम्स के पत्र का जवाब भेज दिया। सींधिया ने लिखा- मराठी का कोलिन्स "ज्योंही मेरी और सेना साहब सूबा राजा राघोजी के पत्र का उत्तर - भोंसले की मुलाकात होगी और हम एक जगह बैठेंगे, श्राप से भी पाने की प्रार्थना की जायगी, और जो कुछ कहना है उस समय मामने सामने बात चीत की जायगी। अभी इस मौके पर मेरी और राजा की मुखाकात पावश्यक है। यदि आप मिलने का इरादा करते हैं तो कल दो घड़ी दिन रहे माइएगा, मेरा घर पापका घर है।" इसी तरह का जवाब राजा राघोजी भोसले ने दिया। अगलेही दिन २५ जुलाई को करनल कॉलिन्स और महाराजा सींधिया की मुलाकात हुई। कॉलिन्स ने बार सोधिया के बार बार महाराजा सींधिया पर अपनी राजधानी का कॉलिन्स को लौट जाने के लिए जोर दिया। इसके उत्तर में उत्तर सींधिया के वजीर ने कॉलिन्स से कहा-