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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२७२

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साम्राज्य विस्तार

साम्राज्य विस्तार ६१ गया। गाविलगढ़ के वीर किलेदार ने अपने स्वामी के साथ विश्वासघात न कर लड़ते हुए अपने प्राण दिए। दक्खिन में अब वेल्सली के लिए अधिक काम करने को न रहा। इसके बाद अंगरेजों की दृष्टि सोंधिया के गुजरात के इलाके पर थी। गुजरात के उपजाऊ प्रान्त को सम्राट अकबर ने मुगल साम्राज्य में शामिल किया था। दो शताब्दी तक यह गुजरात पर प्रान्त मुगल साम्राज्य का एक अङ्ग रहा । उसके हमले का बाद निजामुलमुल्क ने मराठों को भड़का कर इरादा और मदद देकर उनसे गुजरात पर हमला करवाया और उस प्रान्त के एक भाग पर गायकवाड़ कुल का राज कायम हुआ। अंगरेजों ने गायकवाड़ को मराठा मण्डल से फोड़ कर अपनी ओर किया और माधोजी सौंधिया को मराठा मण्डल के साथ विश्वासघात करने के इनाम में भडोच का किला और उसके आस पास ग्यारह लाख रुपए सालाना का इलाका गायकवाड़ से दिलवा दिया। अब फिर गवरनर जनरल वेल्सली ने माधोजी सींधिया के उत्तराधिकारी दौलतराव सींधिया से यह इलाका छीन कर उसे ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लेने का इरादा किया। जुलाई सन् १८०३ को यानी सीषिया के साथ युद्ध का ... एलान होने से २८ दिन पहले गवरनर जनरल भील राजाभों को ने बम्बई के गवरनर को लिख दिया था- "भडोच के किले पर हमला करने की तैयारी शुरु कर दीजिए।" सींधिया के गुजराती इलाके में अधिकांश आबादी ____ लोभ