पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/४३९

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प्रथम लॉर्ड मिण्टो

प्रथम लॉर्ड मिण्टो प्रभाव पड़ेगा कि वह फिर इस तरह की सन्धि के लिए अपनी स्वीकृति दे देगा और हमारा उद्देश सिद्ध हो जायगा।" ___ ज़ाहिर है कि होलकर की कुछ सेना से बरार पर हमला करवा कर बरार के राजा को डराने और इस प्रकार उसे सबसी- डोयरी सन्धि में फंसाने का इरादा अंगरेज़ सन् १८०५ ही में कर चुके थे। वे यह भी जानते थे कि होलकर की सेना में अमीर खाँ हमारा ही आदमी है। लॉर्ड मिण्टो के समय में अंगरेजों ने निजाम को उकसा कर उससे अमीर खाँ के नाम यह पत्र लिखवा दिया अमीर खाँ के कि श्राप बरार पर पाकर हमला कीजिये और मैं " धन इत्यादि सं आपकी सहायता करूँगा। कहा गया कि जिन दिनों जसवन्तराव होलकर नागपुर में था उन दिनों बरार के राजा ने जसवन्तराव के कुछ कीमती जवाहरात अपने पास रख लिए थे। अमीर ख़ाँ से अब बरार के राजा के नाम एक पत्र लिखवाया गया कि आप वे जवाहरात या उनकी कीमत होलकर दरबार को लौटा दें; और जब बरार के राजा से कोई सन्तोषप्रद उत्तर न मिल सका तो अमीर खा ने बरार पर हमला करने की तैयारी शुरू कर दी। अमीर खा और अंगरेज़ कम्पनी के बीच पहले से यह साफ़ साफ़ सन्धि हो गई थी कि अंगरेज होलकर दरबार के मामलों में और विशेष कर बरार के साथ दग़ा "It appeared to be more advisable to leave the Raja to the operation of future events on his mind, and to trust exclusively to (1) the object of obtaining the consent of the Raja to the alliance, .