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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/५५०

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भारत में अंगरेज़ी राज

६५४ भारत में अंगरेजी राज मुक्तकण्ठ से प्रशंसा को है, और अन्त में अमरसिंह थापा की बुद्धिमत्ता का जिक्र करते हुए लिखा है- "अमरसिंह ने अत्यन्त गम्भीरता के साथ उस समय नैपाल दरबार के ऊपर इस बात के लिए जोर दिया कि जिस तरह भी हो सके, अंगरेजों को नेपाल से बाहर रक्खा जाय । यह बात ध्यान देने योग्य है कि अमरसिंह की इस नीति पर नेपाल में प्राज तक बराबर अमल किया जाता है ; और कौन यह कहने का साहस कर सकता है कि अमरसिह की सलाह बुद्धि- मत्तापूर्ण न थी ?"

  • “It is also worthy of note that Amar Singh's policy of keeping out

the English at all costs from Nepal, so gravely impressed by him on Durbar then, is still kept up, and who shall say that he was not wise?"--Colonel L w Shakespeare, in the United Service Journal tor October, 1912