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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/५९३

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M चुनार का किला जिसमें त्रयम्बक जी डॉगलिया कैद रह कर घुल घुल कर मर गया [पंडित रामनारायन जी मिश्र, सम्पादक 'भूगोल', इलाहाबाद, को कृपा द्वारा ]