पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/६०५

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तीसरा मराठा युद्ध

तीसरा मराठा युद्ध १००७ वेल्सली के कंवल दो पत्रों में ज़ाहिर हो सकते हैं । जनरल वेल्सली ने एक बार एलफिन्सटन के उत्तर में उसे नागपुर में रेजिडेण्ट लिखा :- के गुप्त कार्य "अापके ६ तारीख के पत्र के उत्तर में मेरी प्रार्थना है कि खबरें हासिल करने के लिए आपको जो कुछ भी करना पड़ जाय, कीजियेगा। अगर आप यह समझे कि जयकिशन रामप्रापको ख़बरें ला लाकर देगा या दूसरों से मैंगवा देगा, तो आप गवरनर जनरल से उसकी सिफारिश करने का वादा कर लें. और गवरनर जनरल को इस विषय की इत्तला दे दें।" एक दुसरे पत्र में जनरल वेल्मली ने एलफिन्सटन को लिखा :- "गमचन्द्र राव ने जाने से पहले हमारा काम करने का वादा किया । मैं मापसे उसकी सिफारिश करता हूँ। वह शहस चलता पुरज़ा मालूम होता है, और इसमें सन्देह नहीं कि राजा अपनी ओर से अत्यन्त महत्वपूर्ण मामलों की बातचीत उसकी मारफत कर चुका है। मैंने गवरनर जनरल से सिफारिश की है कि उसे ६,००० रुपए सालाना पेन्शन दी जाय । मैं समझता हूँ. उससे अापकी बड़ी काम की खबरें मिलेगी।" • “In answer to your letter ot the 6th, I beg vou will do whatever you think necessary to procure intelligence If vou think that Jaykishen Ram will procure it for you or give it to you, promise to recommend him to the Governor-General, and write to His Excellency on the subject "-Cole- brooke's Life of the Dukr of IVellington, vol 1, p 113 + " Before Ram Chandra went away he offered his series I reco- mmend him to you He appears a shrend fellow, and he has certainly been employed by the Raja in his most important negotiations I have reco- mmended him to the Governor-General for a pension of 6,000 Rupees a vear I think he will give you useful intelligence "-Ibid