पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/३५७

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सिराजुद्दौला

सिराजुद्दौला १०१ अपनी आत्मा के साथ, अपने राजा और मालिक के साथ और अपनी कौम के साथ दगा की, किन्तु अंगरेजो के साथ उसका व्यवहार वरावर सच्चा रहा। कहते हैं कि चोर चोर आपस में एक दूसरे के साथ बड़ा सच्चा व्यवहार करते हैं; किन्तु क्लाइव, वाट्सन इत्यादि का व्यवहार अमीचन्द के साथ इसके विपरीत रहा। ____ जो सन्धि अंगरेजों ने मीर जाफ़र के साथ की उसमें १३ शते थीं । अमीचन्द का उनमें कहीं जिक्र न था। यह सन्धि सफ़ेद कागज पर लिखी हुई थी। उसी के साथ एक दूसरी जाली सन्धि १४ शतों की लाल कागज पर लिख कर अमीचन्द को दिखाई गई थी, जिसमें एक १४ वीं शर्त यह भी थी कि मीर जाफर को गद्दी दिए जाने के समय अमीचन्द को ३० लाख नकद और उसके अलावा नवाव के तमाम ख़ज़ाने का पाँच की सैकड़ा दिया जायगा। वाट्सन ने इस जाली सन्धि पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया था, किन्तु क्लाइव ने लुशिङ्गटन नामक एक शख्स के हाथ से वाट्सन के जाली दस्तखत उस पर बनवा दिए थे। मीर जाफर के नवाब बन जाने के बाद एक दिन जगतलेठ के मकान पर जब पहली बार सन्धिपत्र पढ़कर सुनाया गया तो अमी- चन्द चकित होकर चिल्ला पड़ा-"यह वह सन्धि नहीं हो सकती, जो मैंने देखी थी- वह लाल कागज पर थी।" इस पर क्लाइव ने शान्ति के साथ उत्तर दिया-"ठीक है श्रमीचन्द, किन्तु यह सन्धि सफेद कागज पर लिखी हुई है ।"*

  • Clive's evidence before the Parliamentary Committee