पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/४७९

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छठा अध्याय मीर जाफ़र की मृत्यु के बाद मीर जाफर के बड़े बेटे मीरन की हत्या का हाल ऊपर आ चुका है। मीर जाफर का दूसरा बेटा नजमुद्दौला प्रय जवाब नजमुद्दौला मशिदाबाद की मसनद पर बैठा, किन्तु असम्भव और उसके साथ था कि अंगरेज़ हर ऐसे अक्सर से पूरा लाभ न नई सन्धि उठाते । कलकत्ते का अंगरेज गवरनर उन दिनों "बंगाल में फोर्ट विलियम किले का गवरनर" कहलाता था! अंगरेज 'गवरनर और कौन्सिल' के पास मुर्शिदाबाद की सरकारी सेना से कहीं अधिक सेना थी । बिना इस 'गवरनर और कौन्सिल' की रजामन्दी के मुर्शिदावाद का कोई सूबेदार अब अपने आप को क्रियात्मक सूबेदार न समझ सकता था। उस समय के गवरनर स्पेन्सर ने जो वन्सीटॉर्ट का उत्तराधिकारी था और उसकी अंगरेज कौन्सिल ने नजमुद्दौला को उस समय तक