बाद मीर जाफर की मृत्यु के बाद २३१ क्लाइव के बाद वेरेल्स्ट बंगाल का गवरनर नियुक्त हुआ। वेरेल्स्ट के एक ख़त से मालूम होता है कि सम्राट क्लाइव के शाहआलम को दिल्ली जाने से रोकने और उसे इतनो देर तक इलाहाबाद में ठहराए रखने में अंगरेज़ों का काफ़ी हाथ था । वेरेलष्ट कम्पनी के हित में सम्राट को बंगाल लाना चाहता था, किन्तु वह चाहता यह था कि कोई ऐसी तरकीब की जावे, जिससे अंगरेजो को उसे बंगाल बुलाना न पड़े, बल्कि शाहझालम स्वयं उनके साथ बंगाल चलने की इच्छा प्रकट करे। अगस्त सन् १७६४ में वेरेस्ट की जगह कारटियर गवरनर नियुक्त हुश्रा । स्कॉलफ़ील्ड इस अंगरेज गवरनर के विषय में लिखता है:- "इस जिल्द के अधिकांश पन्न या नो बंगाल फोर्ट विलियम किले के गवरनर के नाम भेजे गए थे या उसको ओर से दूसरों को भेजे गए थे; किन्तु इन सब चालों और चालो के जवाब मे चालों, साजिशों और श्राशं. काओं के जञ्जाल मे से इस गवरनर का व्यक्तित्व कुछ बहुत चमकता हुआ नज़र नहीं पाता।"* उस समय के अंगरेज़ गवरनरों के मुख्य कार्य का यह खासा सार है । सन् १७७२ में काटियर की जगह वारन हेस्टिग्ल गवरनर
- " Herom the tangle ot plot and counterplot of intrigue and suspicson,
the PLrsonality of the Governol of I ort if illnant in Bengal, to whom most o the It cters in this rolume alt addiesed or an is hose name ther Tere issued does not emerge with any great distinctness "-A. F. Scinolfield, in the preface to the Third Tulume of Calendar of Perstan Correspondence