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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/५२६

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भारत में अंगरेज़ी राज

२५ भारत में अंगरेजी राज __ भागे चलकर कोलबुक लिखता है :- ___वारन हेस्टिंग्स की कूटनीति और उसके निर्लज्ज विश्वासघात का प्रभाव केवल राजाओं और बड़े लोगों अत्याचार पर ही नहीं पड़ा ! ज़मींदारों की जमींदारियाँ छीन लेना, होगमों को लूटना, रुहेलों को निवेश कर डालना, ये सब भूले जा सकते हैं, किन्तु जो अत्याचार उसने गोरखपुर मे किए वे सदा के लिए ब्रिटिश जाति के नाम पर एक कलङ्क रहेगे।"* गोरखपुर के इन अत्याचारों के विषय में जेम्स मिल लिखता है कि सन् १७७८ में वारन हेस्टिंग्स ने अपने एक अफसर करनल हैनेवे को कम्पनी की नौकरी से निकाल कर अवध के नवाब के यहाँ भेज दिया। नवाब पर जोर देकर बहराइच और गोरखपुर के ज़िलों का दीवानी और फ़ौजी शासन करनल हैनेवे को दिलवा दिया गया। मिल लिखता है कि-"यह तमाम इलाका नवाब के शासन में खूब खुशहाल था, किन्तु करनल हैनेवे के अत्याचारों के कारण तीन साल के अन्दर यह तमाम इलाका वीरान हो गया।" It was Mr Hastings wloid the country with collectors eml Judges who adopted one pnrsuit-a forunt There harpies were no cooner let loose upon the country, that ther plundered the inhabitants with or without pretences justire is doult out to the highest hidders by the Judges, and thieres pird arogall rrrrenue to 10bhith ampunity "Nol did his crooked politics and shamlese breath of faith affect none but the princes and great meri , the deposition ot remindars, the plundering of Begums, the etermination of the Rohillas may be forgotten, bu the cruelties acted in Gorakhpore will for evel be quoted to the dishonor of the Bratish name "-Colebrooke on a private letter to his father, dated 28ti July, 1788