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भारत में अंगरेज़ी राज

३२६ भारत में अगरेजी राज उसका मुख्य काम यह था कि वह हर विजय के बाद यह देखने के लिए धर धर घूमता फिरता था कि हैदर के सिपाही सिवाय नकदी और अस्त्र शस्त्र ले लेने के प्रजा के साथ किसी तरह का अत्याचार न करें । इस सराहनीय प्रयत्न में ही पीरजादा खाकी शाह की जान गई। किले के अन्दर की अंगरेजी सेना ने अपने कारतूस एक तालाब के अन्दर फेक दिए और शस्त्रागार को भाग लगा दी। फिर भी हैदर को इस किले के अन्दर अंगरेजो को १८ पीतल की तोपें, तीन हजार बन्दूकें और बहुत कुछ गोला बारूद और रसद का सामान मिला। जनरल स्मिथ की सेना अब हार पर हार खाकर पीछे हटती जा रहो थी । उसको सहायता के लिए करनल बुड एक नई सेना सहित बंगाल से रवाना में ईसाई पादरियों किया गया। इसी समय के निकट हैद की का फतवा सेना में विश्वासघात के बीज बोने का अंगरेजों ने एक खासा षड्यन्त्र रचा। अनेक यूरोपियन उस जमाने में यूरोप से श्राकर अनेक हिन्दुस्तानी नरेशों की फौजों में नौकरियां कर लेते थे। हैदर की सेना में भी अनेक यूरोपियन कई ऊँचे पदों पर नियुक्त थे । कई कम्पनियाँ फ्रांसीसी सिपाहियों को भी उसकी सेना में शामिल थीं। अंगरेजों ने ईसाई पादरियों के जरिए हैदर के इन तमाम यूरोपियन मुलाजिमों को फोड़ने की कोशिश की। इस षड्यन्त्र की कुछ भनक हैदर के कानों तक पहुँच गई । उसने अपने तमाम यूरोपियन मुलाजिमों को जमा करके उनकी तनखाहे दिलवा astarwधात एन . ... ... . .. .....