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भारत में अंगरेज़ी राज

३५ भारत में अंगरेजी राज सामने पेश किया जाय और यदि लड़की न मिले तो आगा मोहम्मद को गिरफ्तार करके मेरे सामने लाया जाय । लड़की अागा मोहम्मद के यहाँ मौजूद थी। उसे उसकी माँ के हवाले कर दिया गया और आगा मोहम्मद का सर काट कर हैदरअली के सामने पेश किया गया। हैदरअली के इन्साफ की इसी तरह की और भी अनेक रोशन मिसाले उसकी जीवनियों में मिलती हैं। मीर हुसेनअली खाँ किरमानी लिखता है कि चोर, उचक्के अथवा डाकू का नाम तक हैदरअली के राज में कहीं सुनने में न पाता था और यदि अकस्मात् कहीं पर चोरी हो जाती थी तो उस जगह के पुलिस कर्मचारी को फ़ौरन मौत की सजा दी जाती थी और दूसरा श्रादमी उसकी जगह नियुक्त कर दिया जाता था। हैदरअली के हजारों जासूस सल्तनत भर में घूमते रहते थे और उसे प्रजा के सुख दुख की खबरें देते रहते थे। हैदरअली खुद अक्सर वेश बदले कम्बल ओढ़े रात को श्रीरङ्गपट्टन और अन्य नगरों की गलियों में घूमा करता था और गरीबों और यात्रियों की खबर रखता था। हैदरअली की सारी प्रजा उससे अत्यन्त खुश थी, उसके राज भर में चारों ओर खुशहाली थी। तिजारत, हदरअली का प्रजा उद्योग धन्धों और खेती बाडी को खब उत्तेजना पालकता दी जातीथी । वह खुद कारीगरों और सौदागरों की खूब मदद करता था। लिखा है कि अकेले कोयम्बतुर के बाजार में बीस हजार रेशम के थान हर हफ़्ते विकने के लिए श्राते