पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/६४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
३६
पुस्तक प्रवेश

पुस्तक प्रश स्थ में दे देना चाहते है कि मोटे तौर पर किन किन उपायों से उस धीरे धीरे अंगरेज़ों ने भारत में एक इतना बडा साम्राज्य कायम करत र इस देश के समृद्ध और लहलहाते हुए जीवन का अन्त कर दिया गरेजी राज कायम होने के तरीके एक चूरोपियन विद्वान लिखता है -- ____ "किसी भारतीय सन्न ने अपने देश के अन्दर यूरोपनिवासियों की तुलना दीमकों के साथ की है। प्रारम्भ में दीमकों की क्रियाएँ या तो अंधेरे में ज़मीन के नीचे से शुरू होती है या कम से कम दिखाई नहीं देतीं। किन्तु इन दीमकों का लक्ष्य निश्चित होता है और वे चुपचाप और अज्ञात उस लक्ष्य को पूरा करने में लगी रहती हैं। बन के हरे वृक्षों को नष्ट कर डालती हैं और उन्हे भीतर ही भीतर खाकर उनके खोखले तनों में अपनी इमारतें खडी कर लेती हैं, उन इमारतों तक पास की और दूर की कड़ी मिट्टी की बामियों से आने जाने के लिए वे अनेक गुस रास्ते बना लेती है । जहाँ पहले दूर तक फैले हुए देवदार के वृक्ष लहलहाते थे वहाँ बामियाँ ही बामियाँ दिखाई देने लगती हैं । ये दीमक हर चीज़ पर धावा करती हैं, हर चीज़ को खा जाती हैं, भीतर ही भीतर जडों को खोद डालती हैं, खोखला कर देती हैं और सब वीरान कर डालनी हैं । इस उपमा पर हम अधिक गर्व नहीं कर सकते, यद्यपि उपमा एक दरजे तक फबती हुई है।xxx किन्तु कुछ हो, इसमें कोई सन्देह नहीं हो सकता कि भारतवर्ष के साथ हमारे शुरू के सम्बन्ध में बहुत सी ऐसी बातें हुई हैं जिनको याद