पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/७१८

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भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेजी राज रखने का इससे सुन्दर उपाय न सोचा जा सकता था। इस सबसी डीयरी एलाएन्स' के विषय में एक यूरोपियन विद्वान लिखता है:- "सब्सीडीयरी एलाएन्स xxx सिवाय एक धोखे के और कुछ न थी। उसका उद्देश इङ्गलिस्तान की जनता की आँखों में धूल डालना था x x x ! x x x ये देश ज़ाहिरा विजय नहीं किए जाते थे, वहाँ के नरेशों को छत्र, चंवर प्रादिक राजत्व के समस्त चिन्हों सहित तख्त पर रहने दिया जाता था, किन्तु असली ताक़त उनके हाथों से लेकर एक पोलिटिकल एजण्ट के हाथों मे दे दी जाती थी x x xs ___इस तजवीज़ का उद्देश 'इंगलिस्तान की जनता की आँखों में धूल डालना' रहा हो या न रहा हो, इसमें सन्देह नहीं कि उस समय के असंख्य भोले एशिया निवासियों की आँखों में धूल डालने के लिए यह काफी साबित हुई। जिन छलों द्वारा वेल्सली ने भारत में अपने सबसीडीयरी पला- एन्स का जाल बिछाया, जिस प्रकार उसने भारत के मुसलमानों और मराठों को वश में किया, निज़ाम और पेशवा को फाँस कर उन्हें कम्पनी का कैदी बनाया, करनाटक के नवाब, तोर के राजा, अवध के नवाब वज़ीर और सूरत और फर्रुखाबाद के नवाबों के इलाके छीने और टीपू, सींधिया, होलकर और भोसले को बरबाद

  • • Tho subudhary system was notling more than tatusion

It was tor the nrpose of throttly t!ust imo the one the 181111ch publhe ___ these countries were not sethy tongueneri . the ५0 regi was allowed to reltill on his throne, with til the tappuns of royalts substantial poner was transferrel from thin to the post of politics agent,"- 4 szatic Quarterly Rever for Tenmary 1887 - -- -