पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/७२

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पुस्तक प्रवेश

पुस्तक प्रवेश न निकल सकना, ईस्ट इण्डिया कम्पनी का अपनी निर्धारित नीति के अनुसार भारत की प्राचीन ग्राम पञ्चायतों, शिक्षा प्रणाली, हज़ारों और लाखों पाठशालाओं, और हजारों साल के उन्नत उद्योग धन्धों का नाश कर डालना, और इन सब के नतीजे में भारत का सौ सवा सौ साल के अन्दर संसार के सब से अधिक प्रबल, उन्नत तथा खुशहाल देशों की पंक्ति से निकल कर सब से अधिक निर्बल, अवनत और दरिद्र देशों की पंक्ति तक पहुँचा दिया जाना-इस सब की अत्यन्त दुखकर कहानी इस पुस्तक के विविध अध्याओं मे बयान की जायगी। पुराने हमले अंगरेजों से पहले के हमले भारत में अंगरेज़ी राज के इतिहास को ठीक ठीक समझने के लिए ज़रूरी है कि उससे ठीक पहले की भारत की हालत, पानी भुग़ल साम्राज्य के समय की हालत का पूरा चित्र हमारे सामने हो । किन्तु मुग़ल साम्राज्य के समय की हालत को बयान करने से पहले आदि काल से लेकर मुसलमानों के हमले के समय तक भारत पर जितने और विदेशी हमले समय समय पर हुए हैं उन सब पर भी हम एक सरसरी नज़र डालना ज़रूरी समझते हैं। साथ ही हम यह भी दिखाना चाहेंगे कि इस तरह के हमले यूरोप के विविध देशों पर भी हुए थे या नहीं, और यदि हुए थे तो भारत के मुकाबले में यूरोपियन देशों ने उनका कहाँ तक सफलता के साथ सामना किया । हमारे - -