पृष्ठ:भाषा का प्रश्न.pdf/१०८

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उर्दू की उत्पत्ति प्रत्यक्ष है कि मौलाना हक ने रेखता' को छोड़ दिया और केवल हिंदी मुतारा' की व्याख्या की। 'हिंदी मुतारफ' का मतलब यदि हिंदुस्तानी है तो रेखता' का अर्थ उससे भिन्न होगा। घदि रेखता का तात्पर्य उर्दू है तो कुरान शरीफ का यह अनुबाद 'उर्दू जवान' का नहीं कहा जा सकता। परंतु मौलाना ने इसको 'उर्दू जवान का सरजुमा कहा है और उसके लिये ठेठ उदू' का प्रयोग किया है। लंदन के डाक्टर वेली ने भी शाह साहय के इस कथन का अवतरण दिया है और 'रेखता की व्याख्या न कर 'हिंदी' को 'उर्दू' बना दिया है- "I lare not used Rekhtă in my translation, but well-known Urdlu that ordinary people inight easily erstand it." डाक्टर साहब 'रेखता' का अर्थ क्या समझते हैं, यह जान लेना कठिन नहीं। उन्होंने इस शब्द की अनेक निरुक्तियों का उल्लेख किया है और मीर के प्रसिद्ध शेर "मजबूत कैसे कैसे कहे रेखते चले, समझा न कोई 'मेरी २५ जनाँ इस दियार में"। का अर्थ: किया है। -IR A.S. 1930, p. 398. २-~मीर साहब का दावा था कि उनकी जवान वहीं समझ सकता है जे उर्दू का धनी' या जामा-मसजिद की सीढ़ियों का रोड़ा हो । इनका मुख्य कारण कदाचित् यह था कि उनकी भाषा में वहाँ के जीत-जागते महावरे हते थे जो लखनऊ को नसीब न थे। TRAS 1930. p. 398.