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पृष्ठ:भूगोल.djvu/१६०

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१५९ खैरपुर-अपर सिन्ध (ऊपरी) सिन्ध प्रान्त का एक राज्य है । इसके पूर्व में है । यहाँ रेशमी, सूती, ऊनी कपड़े, कालोन और जोधपुर और जैसलमेर के राज्य हैं। और सब ओर मिट्टी के बर्तन बनाने का काम होता है । सिंध के यह सिन्ध प्रान्त के जिलों से घिरा हुआ है। इसका कल्होर वंश के नष्ट हो जाने पर यहां बिलोस्चितान क्षेत्रफल ६०५० वर्गमील और जन-संख्या २७,२०० के तलवर बलोचों का राज्य हो गया। यह लोग है । यह राज्य भी अपने पड़ोस वाले प्रदेश की शिया मुसलमान हैं। अधिकतर निवासी सुन्नी मुमल- तरह रेगिस्तान है । साल में ४ इञ्च वर्षा होती है। मान हैं। हिन्दू लोग अल्प संख्या में हैं । खैरपुर यहां अधिक से अधिक तापक्रम छाया में ११७ राज्य को प्रधान भाषा सिन्धी है । कुछ लोग अंग्रेजी अंश और कम से कम ३० अंश पाया जाता है। और हिन्दुस्तानी भी बोल सकते हैं। १८८३ ई० में जहां सिंचाई की सुविधा है वहां कपास और ब्रिटिश सरकार ने इस को स्वीय कर लिया। दूसरी फसलें होती हैं । गाय भी अच्छी होती हैं। इस राज्य की आमदनो १५ लाख रुपया है। यहां सक्खर की नहरों के खुल जाने से। इस राज्य को के शासक (जो तलपुर कहलाते हैं ) को १५ तोपों की लाभ हुआ । यहां से कपास, तेलहन, चमड़ा, सलामी दी जाती है । यहां के वर्तमान शासक हिज तम्बाकू, मुल्तानी मिट्टी और सोडा बाहर भेजा जाता हाईनेस मीर मुहम्मद खां हैं ।

झींद झींद, पटियाला और नाभा तीनों राज्य सतलज के राज्य की उपज गेहूँ. जो ओर चना है। राज्य में इसपार मिलकर फुलकियन राज्य कहलाते हैं । यह चाँदी और सोने के अच्छे गहने बनाये जाते हैं, चाँदी सिस सतलज राजों से सब से आधिक प्रसिद्ध हैं। सोने का काम भी अच्छा होता है। चमड़े का काम जंगल, घग्गर, नादक, पवध और कुरुक्षेत्र में यह भी यहाँ अच्छा होता है और कई एक कारखाने हैं। राज्य फैला हुआ है। राज्य में लकड़ी के सामान बनाने के भी बहुत से झींद राज्य का इतिहास १७६३ से प्रारम्भ होता होता है। राज्य में नार्थ वेस्टर्न रेलवे लाइन है। कारखाने हैं। यहां कपड़ा बुनने का काम भी अच्छा है । जब सिक्ख लोगों ने सरहिन्द नगर पर अधि- संगरूर इस राज्य की राजधानी है । कार जमाया और सारे झीद राज्य को आपस में बॉटा । झींद महाराज हिज हाईनेस सर रणबीर सिंह महाराजाधिराज की सहायता के लिये एक जी० सी० आई० ई०, के. सी. एस. आई. १८७९ काउन्सिल वजारत है जो राज्य के सभी राजकीय में पैदा हुये और १८८७ में गही पर बैठे। आप विभागों का प्रबन्ध करती है । यहाँ के महाराजा- पुलकियन वंश के हैं । विप्लव काल और महायुद्ध के धिराज को १३ तोपों की सलामी दी जाती है। समय झींद के राजा ने अंग्रेजों की बड़ी सहायता इस राज्य का क्षेत्रफल १२५९ वर्गमील, जन- को उसके बदले उन्हें लगभग ६०० वर्गमील जमीन संख्या २,७१,७२८ है। इस राज्य को सालाना मिली। श्रामदनी १५ लाख रु० है ।