पृष्ठ:भूगोल.djvu/३६

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अङ्क १-४] मैसूर माइन्स लिमिटेड तथा अरेगन गोल्ड माइनिंग कम्पनी हार्स पावर की बिजली बनती है। इम सागर से आफ इन्डिया लिमिटेड काम कर रही हैं। इन कम्प लगभग १,२०,००० एकड़ जमीन की भी सिंचाई होगी। नियों ने लगभग १६ लाख पौंड सोने के खोदन में इसी जगह एक सूगर फैक्ट्री है जहाँ १,५०० टन ईख लगा रक्खा है। रोजाना पेरी जाता है । अंजनपुर के समीप कुमदवती इन खानों में २४,२३९ व्यक्ति कार्य करते हैं जिसमें नदी में १८ लाख रुपया लगाकर एक सागर बनाया ३४५ योरुपियन, ५४१ ऍग्लो इण्डियन और शेष गया है । जहां से १०,००० एकड़ की सिंचाई होगी । २३,३५३ हिन्दुस्तानी हैं। शिमशा नदी में भी एक सागर बन रहा है जिममें ये खाने लगभग ८००० फुट गहरी खोदी जा २२ लाख खर्च होगा और १०,००० एकड़ भूमि साँची चुकी हैं। नीचे नीचे सुरंगों की लम्बाई ४६० मील जायगी। शिमशा नदी के ढाल पर भी बिजली तयार है । खानों के भीतर बाहर काम बिजली द्वारा होता है। की जावेगी जिसके लिये राज्य की ओर से ५६ लाख बड़े बड़े पंग्वे हवा करने के नीचे खा बिजली रुपये को मंज़री हुई है। द्वारा चलते रहते हैं । नीचे ठंडक पहुँचाने के लिये शिक्षा मशीनों का प्रयोग किया जाता है। कच्चा सोना खोदकर ऊपर लाया जाता है । यहां पीस कर सारा मैसूर विश्वविद्यालय, इसमें मेन्ट्रल और इंजीनिय- रिंग कालेज भी शामिल हैं। मेडीकल कालज महा- कच्चा सोना बुकनी बना दिया जाता है उसके बाद फिर साफ सोना निकाला जाता है । वर्तमान कम्पनियों कालेज में स्त्रियों को शिक्षा प्रदान की जाती है । मैसूर राजा का तथा महाराना का भी कालेज है। महारानी के का ठोका १९४० ई० में खतम होने वाला है। इसलिये में तीन इन्टर मेडियट. कालेज हैं। राज्य में ३९ हाई आगे तीस सालों के लिये ठोका बढ़ा दिया गया है। स्कूल हैं जिसमें सात स्कूल लड़कियों के लिये हैं। जितना भी सोना यहाँ की खानों में निकलता है सब का सब भारतवर्ष और बम्बई की बाजारों में खप और ३२८ मिडिल स्कूल हैं जिसमें ३५ लड़कियों के जाता है। लिये हैं। ११ टीचर्स ट्रेनिंग स्कूल हैं जिसमें तीन औरतों के लिये हैं। इसके सिवा कृषी, कामर्स, हाइड्रो एलेक्ट्रिक और सिंचाई इंजीनियरिंग और दूसरे कारोबार सम्बन्धी स्कूल हैं । कावेरी नदी में शिवसमुद्रम् के पास लगभग २८० कुल राज्य में ७,६९२ स्कूल हैं और ३,११,९५७ विद्यार्थी फुट का झरना है वहाँ स १२,००० हार्स पावर की शिक्षा पाते हैं। इस पर लगभग ७७,४२,१९६ रुपया विजली तयार होती है। कृष्णराज सागर से ४,६०,००० सालाना व्यय किया जाता है। -