40 भूगोल [वर्ष १६ अपनी पुत्री का व्याह महाराज अकबर के पुत्र जब १८५७ में ग़दर हुअा तो राजा ने अपनी सलीम से किया। बाद में वह जहांगीर के नाम से सारी सेना अँग्रेज़ एजेन्ट की सहायता को दे दो और गद्दी पर बैठा। हर प्रकार से ब्रिटिश सरकार की मदद की । इसके • भगवानदास के पुत्र मान सिंह थे। यह मुगल बदले में राजा को कोट कासिम का परगना मिला सेना में एक बड़े जनरल के पदपर थे। उड़ीसा, बंगाल, और एक सनद मिलो जिसके द्वारा गोद लेने का श्रासाम आदि स्थानों पर मानसिंह लड़ाई पर गये । अधिकार राजा को प्राप्त हुआ। १८७७ में राजा को उथल पुथल और क्रांति के समय मानसिंह काबुल २१ बन्दूकों की सलामी की आज्ञा हुई । और स्टार गवर्नर रहे । मानसिंह के भतीजे उदयसिंह जो मिर्जा श्राफ इण्डिया के आर्डर के नाइट ग्रेन्ड कमान्डर राजा के नाम से प्रसिद्ध हैं औरंगजेब के साथ लड़ाई बनाये गये । सवाई राम सिंह की १८८० में मृत्यु पर गये । जैसिंह हो ने शिवाजी को पकड़ा था। अन्त हो गई और कासिम सिंह गहो पर बैठे। उन्होंने में जैसिंह की ताकत इतनी बढ़ी कि स्वयं औरंगजेब अपना नाम सवाई माधो सिंह रक्खा । उससे भयभीत होने लगा। इसलिये औरंगजेब ने उसे राज्य की प्राय १,४३,४,००० रु. सालाना है। जहर देकर मरवा दिया। इसके बाद तीन राजा और राज्य की लगभग १,०५,००,००० रु० की जायदाद हुए फिर जैसिंह द्वितीय हुये जो विज्ञान में प्रसिद्ध हैं। जागीरों और धार्मिक कार्यो में फँसी है। ६,००,००० १६१७ ई० में जयसिंह गद्दी पर बैठे । इन्होंने बहुत सी म. सालाना अंग्रेजों को दिया जाता है। किताबें लिखी हैं । जैपुर, दिल्ली. बनारस, मथुरा और राजा अपने राज्य के भीतर माल और फौजदारी उज्जैन आदि स्थानों पर राजा ने वेधशालायें (आजर- दोनों मामलों में स्वतंत्र है । राज्य-शासन एक कौंसिल वंटरियाँ ) बनवाई। तारों की सूची ( तीज मोहम्मद- द्वारा होता है जिसमें ८ मेम्बर हैं । इस कौंसिल का शाही ) इन्हीं की बनवाई हुई है। जैसिंह ने अपनी अध्यक्ष राजा होता है । राज्य में ६५ बन्दूकें, ७१६ राजधानो अम्बर से हटाकर जैपुर में कर दो। बन्दूकची, ३५७८ सवार और ९५९९ पैदल सिपाही हैं । राज्य के भीतर २९ किले हैं। कुछ समय बाद मुसलमान अधीनता से छुटकारा पाने के लिये जैपुर, उदयपुर और जोधपुर एक हो राज्य की जलवायु शुष्क और स्वास्थ्यप्रद है। गये। उदयपुर घराने के साथ सम्बन्ध करने के शेखावटी में जाड़ों में बहुत जाड़ा पड़ता है। गर्मी के लिये जैपुर ओर जोधपुर ने प्रतिज्ञा की कि उदयपुर दिनों में गर्म हवा चलती है। किन्तु रात में ठंडक रहती की राजकुमारी से उत्पन्न हुआ पुत्र हो राजगहो पावेगा है। राज्य की सालाना वर्षा २४ इंच है । जैपुर नगर बड़ा लड़का नहीं । इस कारण जोधपुर और जैपुर राजपूताना में सब से बड़ा नगर है और व्यापार का दोनों ही को बहुत कष्ट उठाना पड़ा। मरहठे इन केन्द्र है । जयपुर हिन्दू नगरों में सबसे अधिक सुन्दर ममय बड़ा उपद्रव कर रहे थे। इसलिये १:०३ में और स्वच्छ है । इसके बसाने का ढंग बड़ा अच्छा है। उनके विरुद्ध अँग्रेजों से मिलकर एक संस्था बनाई नगर के तीन ओर पहाड़ हैं जिनकी चोटियों पर घने गई। लेकिन लार्ड कार्नवालिस ने इसे तोड़ दिया। जंगल हैं। नगर के उत्तर-पश्चिम नाहरगढ़ का किला इसी बीच में उदयपुर घराने की एक लड़कों के व्याह है। नगर के चारों ओर २० फुट ऊँची और ९ फुट के सम्बन्ध में जैपुर और जोधपुर में झगड़ा हो गया मोटी पत्थर की दीवाल है। इस दोवाल में सात इसी समय पिंडारी लोग बड़ी लूट मार कर रहे थे। दरवाजे हैं । १८१८ में जैपुर राज्य से और अंग्रेजों से संधि हो वर्तमान नरेश केप्टेन हिज हाईनेस सगमद-राजा. गई। जिससे जैपुर राज्य को रक्षा का भार अंग्रेजों हाय-हिन्दुस्तान राजा राजेन्द्र श्री महाराजाधिराज सर सवाई मान सिंह बहादुर जो० सी० आई० ई. हैं । पर आ गया।
पृष्ठ:भूगोल.djvu/५१
दिखावट