पृष्ठ:भूगोल.djvu/९५

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देवास राज्य सांभर, देवास नाम देवीवास या देवीवासिनी से बिगड़ किनारे पर कई जगह मन्दिर बने हैं। सिप्रा और कर बना है। इस नाम की एक पहाड़ी देवास राज नागधामन के संगम पर जूनियर देवास के राजा ने धानी के पास स्थित है। देवास का राज्य दो भागों एक बड़ा मन्दिर बनवाया था। में बँटा है । एक को देवास जूनियर ( छोटा और काली सिन्ध नदी बड़े देवास राज्य से निकलती दूसरे को देवास मीनियर ( बड़ा ) कहते हैं । देवास है और १८ मील तक इस राज्य में होकर बहती है । सीनियर ( बड़ा ) का क्षेत्रफल ४४६ वर्गमील है। यह नदी भी सिंचाई के लिये उपयोगी नहीं है। इसमें छोटे देवास का क्षेत्रफल ४१६ वर्गमील है। मिलने वाली कुछ छोटी धारायें सिंचाई के काम देवास प्रायः सब का सब ( केवल बागौंड परगने आती हैं। को छोड़ कर ) मालवा पठार पर स्थित है। दोनों देवास राज्य की जमीन लाबा की काली रेगर मिट्टी राज्य एक दूसरे से ऐसे मिले हुये हैं कि उनका क्षेत्र- की बनी है। इधर बहुत छोटे-छोटे पेड़ों का जंगल फल अलग नहीं किया जा सकता । इनका राज्य है। इसमें बनास बहुत हैं। इस में तेंदुश्रा, हिरन, ग्वालियर और होल्कर राज्यों से भी मिला हुआ है। लोमड़ी आदि उसी तरह के जानवर हैं देवास राज्य के खासगी और बागौंड परगनों में जो मध्यभारत में मिलते हैं। देवास राज्य में साल विन्ध्याचल की पहाड़ियाँ हैं । पठार के ऊपर पहा- में लगभग ३५ इंच पानी बरसता है। गरमी अधिक ड़ियाँ ३०० से ५०० फुट तक ऊँची खड़ी हुई हैं। रहती है। सरदी की ऋतु में ५३ अंश फारेन हाइट धजारी, तुमाई माता चोटियां समुद्रतल २,००० से कम तापक्रम नहीं होता है। कुट ऊँची हैं । विन्ध्याचल पर्वत इस राज्य को प्रधान जल विभाजक बनाता है । यहां का पानी यमुना में बड़े देवास की जन संख्या ८३,३२८ है और जाकर मिलता है । चम्बल नदी देवास जूनियर राज्य सालाना आय ६,८३,००० रु.) है। वर्तमान नरेश हिज- में १६ मील तक बहती है। वहां यह नदी काफी हाईनेस महाराजा विक्रमसिंह राव पुआर बी० ए० बड़ी है, लेकिन वह सिंचाई के काम नहीं आती है। (मरहठा ) हैं। आपको १५ तोपों की सलामी क्षिप्रा या सिप्रा नदी दोनों देवास राज्यों में ३० हैं। राज्य की सालाना आय ६,८३,००० रु० है । लगती है। और आप चैम्बर आफ प्रिन्सेज़ के मेम्बर मील तक बहती है । इस नदी के किनारे बहुत ऊँचे हैं और वह सिंचाई के काम नहीं आती है। सिप्रा छोटे देवास की जनसंख्या ७०,५१३ है और नदी में यहां साल भर पानी भी नहीं बहता है । गर्मी सालाना आय ७,३८,००० है। वर्तमान नरेश हिज़ हाई- की ऋतु में इसका बहुत सा भाग सूख जाता है। नेस महाराजा सदाशिवराव खासे साहब पँवार हैं। केवल कहीं-कहीं पर इसमें पानी के कुंड मिलते हैं। आपको १५ तोपों की सलामी लगती है और आप इस नदी को हिन्दू लोग पवित्र मानते हैं। इसके चैम्बर ऑफ प्रिन्सेज़ के मेम्बर हैं।