[ ६] वस्तु, रामस्तूप, पाटलिपुत्र, राजगृह, शतपर्णी गुफा, गया, वारा- णसी, ताम्रलिप्ति आदि स्थानों में चीनी यात्री फाहियान ने जो कुछ देखा या सुना था, उसका इसमें पूरा पूरा वर्णन है। अंग्रेजी अनुवादकों ने जो जो भूलें की हैं, वे भी इसमें सुधार दो गई हैं। साथ ही फाहियान के यात्रा मार्ग का रंगीन नकशा देने से पुस्तक का महत्व कहीं अधिक बढ़ गया है। मूल्य ११॥) (२) चीनी यात्री सुंगथुन का यात्रा-विवरण अनुवादक-श्रीयुक्त बाबू जगन्मोहन वर्मा यह यात्री फाहियान के १०० बर्ष पीछे भारतवर्ष में आया था । इस पुस्तक के उपक्रम में समस्त चीनी यात्रियों का विवरण संक्षेप में दिया गया है । तुर्किस्तान, शेनशेन, खुतन, चारकंद, सुंगलिंग, गांधार, तक्षशिला, गोपाल गुहा आदि का वर्णन पढ़ने ही योग्य है। इस ग्रंथ में भारत की पश्चिमी सीमा पर के देशों का उस समय का बहुत अच्छा वर्णन है; और स्थान स्थान पर बहुत ही उपयोगी और महत्व-पूर्ण टिप्पणियाँ दी गई हैं। आरंभ में अनेक चीनी यात्रियों का संक्षिप्त परिचय भी दे दिया गया है । मूल्य १) . (३) सुलेमान सौदागर अनुवादक-श्रीयुक्त वा० महेशप्रसाद "साधु" ., भारतवर्ष और चीन देश के विषय में मुसलमानों की लिखी जो पुस्तकें पाई जाती हैं, उनमें से सब से प्राचीन पुस्तकें
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