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[ ४१ ] सहजइंद्र मुग़लों द्वारा मारा नौनिकदेव . गया । इस बात का इन्हें बड़ा दुःख पृथ्वीराज हुआ। इसी समय रामसिंह इनकी रानी को रामचंद स्वप्न हुआ कि मानो मेदिनीमल्ल सारवाहन कहता है. कि मैं फिर तेरी अर्जुनदेव सौति की कोख मलखान से पैदा होकर मुग़- लों से अपना वैर रुद्रप्रताप (ओरछा बसाया) लँगा। कुछ दिनों में उनके यहाँ छत्र- भारती मधुकर। इंद्र । उदयाजीत । चंद शाह जीत । (महेवाजीता)। साल १६५० ई० में प्रेमचंद उत्पन्न हुए। शाहजहाँ ने चंप- भागवतराम तिराय पर महावत कुलमंडन खाँ, खानजहाँ और चंपितराय अब्दुल्ला के आधि- पत्य में तीन सेनाएँ छत्रसाल ) भेजी। उस समय ये पहाड़ों में छिपे रहे, परंतु उनके कुछ हटते ही फिर निकलकर