पृष्ठ:भूषणग्रंथावली.djvu/८७

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[ ७८ ] सब मिला कर निष्कर्ष यह निकलता है कि भूषण महाराज का काव्य वास्तव में हिंदी साहित्य का भूषण है। स्थिर लक्ष- णानुसार चाहे इनकी कविता को कोई महा-काव्य संस्कृत रीति ग्रंथों में न कह सके; परंतु तो भी इन्हें हम बिना महा- कवि कहे नहीं रह सकते। हमारा ग्रंथ-संपादन भूषणजी की इस ग्रंथावली के संपादन करने में हमने निम्न- लिखित पुस्तकों से विशेष सहायता ली है- (१) भूषण ग्रंथावली, बंगवासी प्रेस, कलकत्ता । (२) शिवराजभूषण, नवलकिशोर प्रेस, लखनऊ। (३), पूनावाली प्रति । (४)" , निर्णयसागर प्रेस, बम्बई । (५) श्री शिवावावनी व छत्रसालदशक (व स्फुट कविता) श्री कल्पतरु प्रेस, बम्बई। (६) शिवराजभूषण, बारावंकी में मुद्रित । (७), , हस्तलिखित स्वर्गीय पं० युगलकिशोर जी मिश्र के पुस्तकालय गंधौली (सीतापुर ) की प्रति । (८), ,, हस्तलिखित स्वर्गीय कवि गोविंद गिल्ला भाई जी काठियावाड़ के पुस्तकालय की। (९) ग्रैंट डफ कृत महाराष्ट्र जाति का इतिहास । (१०) रानड़े महोदय-कृत महाराष्ट्र शक्ति का अभ्युदय ।