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भ्रमरगीत-सार
१३०
राग सारंग
राग सोरठ
राग सारंग
बारक कान्ह करौ किन फेरो?
दरसन दै मधुबन को सिधारो, सुख इतनो बहुतेरो॥
राग सारंग
राग सोरठ
राग सारंग
बारक कान्ह करौ किन फेरो?
दरसन दै मधुबन को सिधारो, सुख इतनो बहुतेरो॥