पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/११९

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( ११४ ) · भव-भवानी वरुण-वरुणानी रुद्र-रुद्राणी इंद्र-इंद्राणी २३३-किसी किसी शब्द के दो दो वा तीन तीन स्त्री- लिंग रूप होते हैं; जैसे- ___ उपाध्याय-उपाध्यायानी, उपाध्यायी ( उसकी स्त्री); उपाध्याया (स्त्री-शिक्षिका)। प्राचार्य-प्राचार्या (वेदमंत्र सिखानेवाली); प्राचार्याणी (प्राचार्य की स्त्री)। क्षत्रिय-क्षत्रियो ( उसकी स्त्री); शनिया, त्रियाणी (उस वर्ण की स्त्री)। ३-उर्दू शब्द २३४-अधिकांश उर्दू पुल्लिंग शब्दों में हिंदी प्रत्यय लगाये जाते हैं। जैसे--- ई-शाहजादा-शाहजादी; मुर्गा-मुर्गी . नी-शेर-शेरनी आनी-मेहतर-मेहतरानी; मुल्ला-मुल्लानी । २३५--कई एक अरबी शब्दों में अरबी प्रत्यय "ह" जोड़ा जाता है जो हिंदी में "" हो जाता है। जैसे-: वालिद-वालिदा खालू-खाला मलिक-मलिका साहब-साहबा २३६-कुछ अँगरेजी शब्दों में 'इन' लगाते हैं; जैसे- मास्टर-मास्टरिन, डाक्टर-डाक्टरिन, इंस्पेक्टर-इंस्पेक्टरिन ... २३७- हिंदी में कई एक पुल्लिंग शब्दों के स्त्रीलिंग शब्द दूसरे ही होते हैं; जैसे-