पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/१२१

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२४१-संज्ञा. के जिस रूप से एक से अधिक वस्तुओं का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं; जैसे, लड़के, कपड़े, टोपियाँ, रंगों में, रूपों से। ___२४२–आदर के लिए भी बहुवचन आता है; जैसे, "राजा के बड़े बेटे आये हैं ।" "कण्व ऋषि तो ब्रह्मचारी . हैं।" "तुम बच्चे हो।" २४३-हिंदी में संज्ञाओं के बहुवचन के दो रूप होते हैं-(१) विभक्ति-रहित और ( २ ) विभक्ति-सहित। यहाँ विभक्ति-रहित बहुवचन बनाने के नियम दिये जाते हैं। (अं०-२६०)। ' हिंदी और संस्कृत शब्द (क) पुल्लिंग २४४-हिंदी आकारांत पुल्लिंग शब्दों का बहुवचन बनाने । के लिए अंत्य "आ" के स्थान में "ए" लगाते हैं; जैसे- लड़का-लड़के लोटा-लोटे बच्चा-बच्चे . .बीघा-वीवे . घोड़ा-बोड़े कपड़ा-कपड़े अप:-(1) साला, भानजा, भतीजा, बेटा, पोता आदि शब्दों को छोड़कर, शेष संबंधवाचक, उपनामवाचक और प्रतिष्ठावाचक प्राकारांता पुल्लिंग शब्दों का रूप दोनों वचनों में एक ही रहता है; जैसे-काका.. भाजा, मामा, लाला, दादा, नाना, पंडा ( उपनाम), सूरमा । सूचना-"बाप-दादा" शब्द का रूपांतर वैकल्पिक है; जैसे.. ___ "इनके वाप-दादे हमारे वापदादे के आगे हामजोड़कर बाते किया करते