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पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/१२३

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( ११८ ) सानुस्वार ओकारांत-(हिंदी) कोदों-कोदों। संस्कृत-शब्द हिंदी में नहीं हैं। . (ख ) स्त्रीलिंग २४६--अकारांत स्त्रीलिंग शब्दों का बहुवचन अंत्य स्वर के बदले “ए” करने से बनता है; जैसे- बहिन-बहिनें अखि-याखें गाय-गायें रात-रातें बात-बातें "मील-कीले २४७-इकारांत और ईकारांत संज्ञाओं में “ई” को ह्रस्व ___ करके अंत्य स्वर के पश्चात् “याँ" जोड़ते हैं; जैसे- तिथि-तिथियों टोपी टोपियाँ शक्ति-शक्तियाँ थाली-थालिया.. रीति-रीतियाँ रानी-रानियाँ (अ) याकारांत (ऊनवाचक ) संज्ञाओं के अंत में केवल "अनुस्वार लगाया जाता है; जैसे- लठिया-लठिया डिबिया-डिवियाँ लुटिया-लुटियां . गुड़िया-गुड़िया : - : बुढ़िया-बुढ़ियां . खटिया-खटियाँ ... २४८-शेष स्त्रीलिंग शब्दों में अंत्य स्वर के परे ए लगाते हैं और "ऊ” को ह्रस्व कर देते हैं; जैसे- .. : लता-जताएँ वस्तु---वस्तुएं .