( १४६ ) ( १ ) सामान्य वर्तमानकाल से जाना जाता है कि व्यापार का आरंभ बोलने के समय हुआ है; जैसे, हवा चलती है। लड़का पुस्तक पढ़ता है। चिट्ठी भेजी जाती है। . (२) पूर्ण वर्तमानकाल की क्रिया से सूचित होता है कि व्यापार वर्तमानकाल में पूर्ण हुआ है; जैसे, नौकर आया है। चिट्ठी भेजी गई है। इसे आसन्नभूत भी कहते हैं। (३ ) सामान्य भूतकाल की क्रिया से जाना जाता है कि व्यापार बोलने वा लिखने के पहले हुआ है; जैसे, पानी गिरा। गाड़ी आई। चिट्ठी भेजी गई। ( ४ ) अपूर्ण भूतकाल से बोध होता है कि व्यापार गत काल में पूरा नहीं हुआ, किंतु जारी रहा; जैसे, गाड़ी आती थी। चिट्ठी लिखी जाती थी। नौकर घूमता था। . (५) पूर्ण भूतकाल से ज्ञात होता है कि व्यापार को पूर्ण हए बहुत समय बीत चुका; जैसे, नौकर चिठी लाया था। सेना लड़ाई पर भेजी गई थी। (६) सामान्य भविष्यत्-काल की क्रिया से ज्ञात होता है कि व्यापार का आरंभ होनेवाला है; जैसे, नौकर जायगा, हम कपड़े पहिनेंगे, चिट्ठी भेजी जायगी। (३) अर्थ २६६-क्रिया के जिस रूप से विधान करने की रीति का बोध होता है, उसे "अर्थ' कहते हैं; जैसे, लड़का जाता है
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