पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/१५२

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( १४७ ) ( निश्चय )। लड़का जाय ( संभावना )। तुम जामी (आज्ञा )। यदि लड़का जाता तो अच्छा होता (संकेत)। ___२६७-हिंदी में क्रियाओं के मुख्य पाँच अर्थ होते हैं--- (१) निश्चयार्थ, (२) संभावनार्थ, (३) संदेहार्थ, (४) आज्ञार्थ और (५) संकेतार्थ । (१; क्रिया के जिस रूप से किसी विधान का निश्चय सूचित होता है, उसे निश्चयार्थ कहते हैं; जैसे, "लड़का आता है।" "नौकर चिट्ठी नहीं लाया ।” "हम किताब पढ़ते रहेंगे।" "क्या आदमी न जायगा ?" (२) संभावनार्थ क्रिया से अनुमान, इच्छा, कर्तव्यं आदि का बोध होता है; जैसे, कदाचित् पानी बरसे ( अनु- मान)। तुम्हारी जय हो ( इच्छा)। राजा को उचित है कि प्रजा का पालन करे ( कर्त्तव्य )। (३) संदेहार्थ क्रिया से किसी बात का संदेह जाना जाता है; जैसे, "लड़का आता होगा", "नौकर गया होगा। (४) आज्ञार्थ क्रिया से आज्ञा, उपदेश, निषेध आदि का बोध होता है; जैसे, तुम जानो, लड़का जाय, वहाँ मत जाना, क्या मैं जाऊँ ( प्रार्थना )। (५) संकेतार्थ क्रिया से ऐसी दो घटनाओं की असिद्धि सूचित्त होती है जिनमें कार्य-कारण का संबंध होता है; जैसे, “यदि मेरे पास बहुत सा धन होता तो में चार काम करता"