पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/५२

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. ११५-"क्या” नीचे लिखे अर्थो में आता है- .. (अ) किसी वस्तु का लक्षण जानने के लिए; जैसे, "मनुष्य क्या है ?" "आत्मा क्या है ?” “धर्म क्या है ?" ....(आ) किसी वस्तु के लिए तिरस्कार वा अनादर सूचित करने में; जैसे, "क्या हुआ जो अब की लड़ाई में हारे ।" "भला हम दास लेके क्या करेंगे ?” “धन तो क्या, इस काम में तन भी लगाना चाहिए !" (इ) धमकी में; जैसे, "तुम यह क्या कहते हो।" (ई) किसी वस्तु की दशा बताने में; जैसे, "हम कौन थे क्या होगये हैं और क्या होंगे अभी।" (उ) दशांतर सूचित करने के लिए "क्या से क्या" आता है; जैसे, "हम आज क्या से क्या हुए!" ११६-पुरुषवाचक, निजवाचक और निश्चयवाचक सर्व- नामों में अवधारण के लिए "ही", "हो" वा "ई" प्रत्यय जोड़ते हैं; जैसे, मैं = मैंही; तू तूही; हम = हमी; तुम = तुम्हीं; आप-आपही; वह = वही; सोसोई; यह = यही; वे = वेही । ११७-किसी किसी सर्वनाम का प्रयोग अव्यय के समान भी होता है; जैसे, “वह स्थान मुझे उदास दिखाई पड़ा सो मैं शीघ्र चला आया।" ( स० बो०)। "क्या हुआ जो अब की.लड़ाई में हारे।" (स० वो०)। "आपको सत्संग कौन दुर्लभ है"। ( क्रि० वि०)। "क्या घंटा बज गया ?" ( वि० वो०)