पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/७०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

परिमाण-बोधक अनिश्चित संख्यावाचक बहुतेरा काम बहुतेरे उपाय पूरा प्रानंद .. पूरे टुकड़े [सूचना:-"अल्प', "किंचित्" और "जरा केवल परिमाण- वाचक हैं।] (इ) परिमाण-बोधक संज्ञाओं में “ओं" जोड़ने से उनका प्रयोग अनिश्चित-परिमाण-बोधक विशेषणों के समान होता है; जैसे, ढेरों इलायची, मनों घी, गाड़ियों फल । (ई) कोई कोई परिमाण-बोधक विशेषण एक दूसरे से मिलकर आते हैं; जैसे, "वहुत-सारा काम" "बहुत-कुछ अाशा" - "थोड़ा-बहुत लाम" "कम-ज्यादा आमदनी" (उ) "बहुत", "थोड़ा", "ज़रा", "अधिक (ज्यादा )", के साथ निश्चय के अर्थ में “सा प्रत्यय जोड़ा जाता है; जैसे, "बहुतसा लाभ”, “थोड़ोसी विद्या”, “जरासी बात", "अधिकसा बल"। १५६-कोई कोई परिमाण-बोधक विशेषण क्रिया-विशेषण भी होते हैं; जैसे, "नल ने दमयंती को बहुत समझाया।" "यह बात तो कुछ ऐसी बड़ी न थी।" "जिनको और सारे 'पदार्थों की अपेक्षा यश ही अधिक प्यारा है।" "लकीर और सीधी करो।" "यह सोना थोड़ा खोटा है।" "औरण समु- च्चयबोधक भी होता है; जैसे, हवा चली और पानी गिरा।