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पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/८९

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( ८६ ) (इ) अनिश्चय-कदाचित् (शायद ), बहुत-करके, यथा-संभव । (ई) स्वीकार-हाँ, जी, ठीक, सच । (उ) कारण-इसलिए, क्यों, काहे को। ( ऊ ) निषेध-न, नहीं, मत । (ऋ) अवधारण-तो, ही, भी, मात्र, भर, तक । १८२-यौगिक क्रिया-विशेषण दूसरे शब्दों में नीचे लिखे शब्द अथवा प्रत्यय जोड़ने से बनते हैं- (१) संस्कृत क्रिया-विशेषण पूर्वक--ध्यान-पूर्वक, प्रेम-पूर्वक । गा-कृपया, विशेषतया । अनुसार-रीत्यनुसार, शक्तयनुसार । त:-स्वभावतः, वस्तुतः, स्वतः । दा-सर्वदा, सदा, यदा, कदा । श:-क्रमशः; अक्षरशः। त्र-एकत्र, सर्वत्र, अन्यत्र । 'था-पर्वथा, अन्यथा। (२) हिंदी क्रिया-विशेषण . ते-चलते, पाते, मारते। ए-लिए, उठाए, बैठे, चाहे । को-इधर को, दिन को, रात को, अंत को। 'से-धर्म से, मन से, प्रेम से, इधर से, तब से।