पृष्ठ:मनुस्मृति.pdf/१२

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मनु विषयसूची 'श्राद्ध में कैसे प्राण जिमाने, कैसे नहीं" "नाने सम्बन्ध बालको धादमें जमा सकते हैं। १४४-१४८ श्राद्ध में मिन्दिन गमोजनीय लोग भयोग्य के जिमाने का दुप्रफल परिघेता तथा परिवित्ति लक्षण और उनके जिमाने का दोष १७१-७२ विधिपुपनि, कुएछ, गोलक के ललग ९७३-१७४ "किस प्रकार के अपायकाजिमाने में क्या दोप है"

  • कियान प्राह्मणों के वर्णन

"धाद में निमन्त्रण गोर निमन्त्रण के नियम १८७-२१५ "नि २ मांसादि से कितने दिन में पिनुप्ति २६६-१७२ "प्रयोटगी धादादि विशेषश्रादों का वर्णन' २७-२८३ यह गद, आदित्य, संक्षक, पिनर याशेष भोजन की विधि और प्रशसा मुख्य प्राण की पत्ति का प्रतिमालयन चतुर्थाध्याय में- भाका दुमग माग रहाधम में लगाये १ जिन कमी को कष्ट न होबा बलप ऋए हो उन सत, अमृन भादि नियों से जीये (िजीवन) में एक श्लोक एक पुस्तक से मिले २८६