पृष्ठ:मरी-खाली की हाय.djvu/१३९

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( १३० ) "यह हो जाएगा। उसके साथ असबाब में मैं लाश को भी अनायास ही ले जाऊँगा।" "आज और कल दिन भर हम यहाँ रहेंगे। कोई गर आदमी न आने पावेगा हमारे साथ बहुत सा सामान भी होगा। "मैं उस कमरे को खाली किये देता हूँ।" इसके बाद लाश की उपयुक्त व्यवस्था की गई और ६ बजते २ तीनों युवक घर से बाहर निकले । इसके आधे घंटे बाद ही हरसरन एक बड़ा सा ट्रक और कुछ सामान ताँगे ५२ लाद स्त्री और पुत्र सहित एक ओर को चल दिया। (४) 13 "तुम्हारा नाम क्या है ?" "हरसरन दास " "इस मकान में रहते हो ? "जी हाँ "क्या काम करते हो - "एक फर्म में नौकर हूँ।" "तुम्हारे साथ और कौन है ?" "मैं अकेला हूँ। मेरी स्त्री अपने पिता के घर गई है ।" "मुझे तुम से कुछ बातें करनी है।"