पृष्ठ:मरी-खाली की हाय.djvu/४५

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पाप कम है । मैं आज से यह सब त्यागता हूँ। ३ बम्बई में हलचल मच गई। पंजाब का शेर महायुद्ध के बाद ७.वर्ष में फिर अपने देश में आ रहा है। आज फिर देश

उसकी दहाड़ से गूजेगा । आज पंजाब के आँसू पुछेगे। भाज

अ जाने क्या क्या होगा। देश भर में धूम मच गई थी ! देश भर के महान् पुरुष उस सिंह नर को देखने को दौड़ रहे थे। बाजारों में जय जयकार के शब्द बोले जा रहे थे। सभा-स्थान में तिल धरने को जगह न थी। महामना तिलक व्यास पीठ पर विराजमान थे। पंजाब केशरी ने उह कर गर्जना शुरू की। जन समुद्र हिलोरें मारने लगा। 'मेरे देश की बहिनो और भाइयो ! मैंने विदेश में सुना है कि पंजाब ने जलियान वाले बाग में मार खाई है और वे पंजाबी शेर जिन्होंने फ्रान्स के मैदान में अपनी संगीनों की नोक पर इग्लैंड की नाक बचाई थी। अपने ही घर के द्वार पर कुत्ते की तरह शिकार किये गये हैं। यदि कोई पंजाबी बच्चा यहाँ है तो वह मुझे बताये कि उसके लिए उसने क्या किया है ? + + + सभा में सन्नाटा था। सुई गिरने का शब्द भी होता । माया में 'आवाज़ ऊँची करके कहा-