पृष्ठ:मरी-खाली की हाय.djvu/५१

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पर शरीर निर्जीव पड़ा रह गया । आज पंजाब का बच्चा २, जानता है कि उस सिंह पुरुष का अभाव पूर्ण होना शक्य नहीं। पंजाब के लाखों युवक मानों अनाथ हो गये ! पंजाब की शोभा मारी गई ! पंजाब का मानों सिर कट गया ! पजाब खो गया ! अब पंजाब का धुरी कौन होगा ? कौन पंजाब के सिर पर पजाब के अस्तित्व को कायम रखेगा? कौन पंजाब के बढ़ते हुए तूफान को शमन करेगा ? आज पंजाब की आत्मा का अभाव है , आज पंजाब की लाश पड़ी हुई है। ओह ! अब पजाब का क्या होगा ? --श्री चतुरसेन शास्त्री हाथ धरेगा कौन (:)--