पृष्ठ:मरी-खाली की हाय.djvu/८३

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( ७४ ) में है, इसलिए रूस के नवीन राष्ट्र ने अपने को एशियाई घोषित करके योरप को चकित कर दिया है । इस वक्त आधे से अधिक एशिया का खण्ड रूस के अधिकार में है। जार के जमाने में रूस की हालत बहुत बिगड़ी हुई थी। रूस का तमाम प्रांत उजाड़, दरिद्र और अराजक था। परन्तु बोल्शेविक क्रान्ति ने रूस में एक ऐसा नवीन जीवन कर दिया जिससे योरुप के सारे राष्ट्र थर्रा उठे । और उन्होंने अपने अद्भुत कार्य तथा शक्ति से लोगों को दिन प्रति दिन चकित करना शुरू कर दिया। वे लोग ईरान, अफगानिस्तान, भारत, चीन और तिब्बत में अपने हाथ पाँव फैला रहे हैं। उन्होंने अपनी रेलों का छोर पैसेफिक महासागर तक ला पहुँचाया। वे दक्षिण की ओर अफगा- निस्तान और ईरान के किनारे २ हिन्द महासागर के किसी बन्दरगाह तक पहुँचने की तैयारी कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात जो रूस में की है, वह धार्मिक सत्ता को राजनीति से दूर कर देने की है। अगर गौर से देखा जाय तो रूस की राज्यक्रांति एशिया के लिये एक अमर वरदान है । भयानक सर्दी थी । सब तरफ बरफ ही बरफ नजर आती थी। मास्को से १०० मील दूर एक गाँव के किनारे सशस्त्र सैनिकों से घिरा हुआ एक दल आया, और चुपचाप खड़ा हो गया। .