विषय लिया गया है। लेकिन जो आदर और प्रचार गुलिस्ताँ का है वह बोस्ताँ का नहीं। बोस्ताँ के जोड़ की कई किताबें फ़ारसी भाषा में वर्तमान हैं। [१]*मसनवी [२]†सिकन्दरनामा और [३]‡शाहनामा यह तीनों ग्रन्थ उच्चकोटि के हैं और उनमें यद्यपि शब्दयोजना, काव्यसौन्दर्य्य, अलङ्कार, और वर्णनशक्ति बोस्ताँ से अधिक है तथापि उनकी सरलता, और उसकी गुप्त चुटकियाँ और युक्तियाँ उनमें नहीं हैं। लेकिन गुलिस्ताँ के जोड़ का कोई ग्रन्थ फ़ारसी भाषा में है ही नहीं। उनका विषय नया नहीं है। उसके बाद से नीति पर फ़ारसी में सैकड़ों ही किताबें लिखी जा चुकी हैं। जिसमें जो कुछ चमत्कार है वह सादी की भाषालालित्य और वाक्य चातुरी है। उसमें बहुत सी कथायें और घटनायें स्वयं लेखक ने अनुभव की हैं इसलिए उनमें ऐसी सजीवता और प्रभावोत्पादकता का संचार हो गया है जो केवल अनुभव ही से हो सकता है। सादी पहले एक बहुत साधारण कथा छेड़ते हैं लेकिन अन्त में एक ऐसी चुटीली और मर्मभेदी बात कह देते हैं कि जिससे सारी कथा अलङ्कृत हो जाती है। यूरूप के समालोचकों ने
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