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पृष्ठ:महात्मा शेख़सादी.djvu/३८

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छठवां अध्याय

गुलिस्ताँ

यहां हम गुलिस्ताँ की कुछ कथायें देते हैं जिससे हम पाठकों को भी सादी के लेखनकौशल का परिचय देसकें।

[१] गुलिस्ताँ में आठ परिच्छेद हैं। प्रत्येक परिच्छेद में नीति और सदाचार के भिन्न भिन्न सिद्धान्तों का वर्णन किया गया है। प्रथम प्रकरण में बादशाहों को आचार, व्यवहार और राजनीति विषयक उपदेश दिये गये हैं।

सादी ने राजाओं के लिए निम्नलिखित बातें बहुत आवश्यक और ध्यान देने योग्य बतलाई हैं:—

(१) प्रजा पर कभी स्वयं अत्याचार करे न अपने कर्मचारियों को करने दे।

(२) किसी बात का अभिमान न करे और संसार के वैभव को नश्वर समझता रहे।

III