पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/११७

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गोकुलदास पटवारीको देखनेके लिओ मुझे अस्पताल भेजनेकी बापूने सुपरिटेण्डेण्टसे अिजाजत माँगी । मगर असने मंजूर नहीं किया । • काकाके बारेका और दूसरा जो पत्र अिन्स्पेक्टर जनरलको कल लिखा था, वे दोनों नहीं गये, आज सबेरे गये; और आज ही शामको २२-४३३२ बेलगामसे मणि और काकाके पत्र आये | दोनों ही खतोंसे बहुत कुछ जाननेको मिल गया । सब पूरी तरह तपश्चर्या कर रहे हैं । काकासाहबको दूध घी नहीं मिलता, पीठमें दर्द है, नरहरि वगैरासे मिल नहीं सकते' और वाग्यज्ञ चला रहे हैं । अनके वाग्यज्ञका अपभोग लेनेवाले भी भाग्यवान ही ठहरे न ! नरहरि खून पीजने और कातनेका काम करते हैं। अनकी जिसके सिवा और कोी भी खबर नहीं । मणि काफी सूख गयी है। असने गीता सारी कण्ठस्य कर ली है और दुःख भी काफी अठाया है । आज और भी बहुतसे पत्र आये हैं। फादर अल्विन लिखते हैं कि वहाँका बिशप अन्हें जीसाके द्रोहीकी पदवी देता है और गिरजों में प्रवचन नहीं करने देता! मैथिलीशरण गुप्तने झुर्मिलाके विषादकी अठारह पन्नेके अक लम्बे पत्रमें सफाभी दी है । बापूने कहा कि सारा पत्र काव्य है । अिस पत्रकी नकल करनेवाला 'अजमेरी' अक मुसलमान है और मैथिलीशरणका शिष्य है। हिन्दी काव्य- साहित्य वगैराका बड़ा प्रेमी है। हमारे यहाँ अखबार पढ़नेका काम वल्लभभाभीका है। मैं पीजकर कासनेके लिओ बरामदेमें आता हूँ, तो वहाँ वल्लभभाभी अखबारोंको २३-४३३२ दुबारा पढ़ते मिलते हैं। मैं पूछता "थोड़ेमें समाचार क्या हैं ?" तो अनके पास जवाब तैयार रहता .'मुस्लिम परिषदमें खेड़ाके कलेक्टर', 'सेम्युअल होर टेनिस खेलते हैं, तो दूसरे दिन खबर होती 'मि० असका विवाह'। सरोजिनीकी गिरफ्तारीकी खबर आयी। मालवीयजी मोटरसे दिल्ली जानेको रवाना हो गये हैं। ७० वर्षकी अनमें अन्होंने बड़ी तकलीफ अठाओ, और सरकारके लिओ दौड़धूप करनेका काम भी अच्छा पैदा कर दिया। - कल कराची लके सत्याग्रही कैदियोंको राष्ट्रीय नारे लगाने पर कोड़े लगाये गये । मुसका बचाव करनेवाली विज्ञप्ति जिला २४-४-३२ मजिस्ट्रेटने प्रकाशित की है, यह पढ़कर बापू खुब दुःखी हु । आज मुठकर फिर अतना भाग पड़नेके लिभे अखबार मांगा और उनका हृदय हिल गया । आज मालवीयजी और सरोजिनी दोनोंक पकड़े जानेके समाचार आये, जिससे वे खुब खुश हुमे । वल्लभभाीसे कहने लगे ११४