पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/१२३

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" मैं आपको पत्रव्यवहार भेजती हुी हिचकिचा रही थी, क्योंकि मुझे यह डर लगता था कि शायद आप. यह सोचें कि हमें हिन्दुस्तानका खयाल पहले रखना चाहिये था । मगर मैं मानती हूँ कि दूर पूर्वमें चीन और जापानके बीच जो लड़ाी हो रही है, उसके सिलसिलेमें कुछ न कुछ करना निहायत जरूरी है। हमारी यह भावना आप समझ सकेंगे और असके प्रति सहानुभूति रखेंगे । आपकी जानकारीके लिअ मैं सब पत्र भेज रही हूँ।" मिस रोअिडन, हर्बट ग्रे, और अच० आर० अल० शेपर्डके दस्तखतोंसे राष्ट्रसंघके प्रधान मंत्री सर अरिक ड्रमण्डको लिखे गये पत्रके कितने ही वाक्य तो मानो बाके वाक्यों जैसे ही हैं । संघको जापान और चीनके बीच लड़ाी बन्द करानेका भगीरथ प्रयत्न करना चाहिये । मगर यह संभव नहीं है, अिसलिओ. “We must come to the conclusion that the only way which would prove effective in that case is that men and women who believe it to be their duty should volunteer to place themselves unarmed between the combatants." . "हम अिस फैसले पर पहुंचे हैं कि जैसे हालातमें कारगर साबित होनेवाला अक ही मार्ग है; और वह यह है कि जिन स्त्री-पुरुषोंको अपना यह कर्तव्य दीखे, वे लड़नेवालोंके बीचमें स्वेच्छासे निहत्थे खड़े रहें।" सर जॉन साअिमनको लिखे गये पत्र में ये शन्द हैं : Among the little band of six or seven hundred who have volunteered for service, in the Peace Army are quite a remarkable number of ex-servicemen who express their horror at the idea of a repetition of the experience of the last war, and their willingness to die rather than plunge the world into it again; and of parents of men who were killed in the war, or of children who (they fear) may grow up to be involved in another war. We are convinced that thousands in the country and elsewhere would volunteer if they belicved that the League would take their offer scriously." "शान्तिसेनामें सेवा देनेके लिझे जो छह-सातसो आदमियोंकी छोटीसी टोली तैयार हुओ है, असमें बहुतसे तो पिछले युद्ध में लड़े हुअ सिपाही हैं । उन्हें जो अनुभव हु हैं, अनके दुहराये जानेके खयालले भी शुन्हें डर लगता है। दुनियाको फिर असे युद्ध में फंसनेसे रोकनेके लिअ वे मरने तकको तैयार हैं। पिछली लहाभीमें मारे गये लोगोंके माँयाप भी हमारी टोलीमें हैं। और अपने बच्चोंको बड़े होकर युद्धमें सनका प्ररांग आ सकता है, जिस सम्भावनासे कॉप झुटनेवाले I १२०