पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/१४६

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66 कल मगनचरखा चलाते चलाते अस पर दायाँ हाय बैठ गया, तो बापू अत्साहमें आ गये । लेकिन आज वह चरखा किसी भी तरह १०-५-३२ न चला। वल्लभभाभीसे सुबहसे ही बापूने कह रखा था कि आपका शाप न लगा तो चलेगा ।" ९-१० बजे तक चलाया, परन्तु पूनियाँ बिगड़नेके सिवा कोभी परिणाम न निकला। वल्लभभाजीने कहा:- “ अक कुकडी अतारकर दूसरी भरी क्या १५ दोपहरको भी अिसी तरह हुआ। चरखेके जोत कते, तेल दिया, सब अपाय किये और मैंने भी थोड़ी देर सिरपच्ची की, लेकिन चला ही नहीं । वल्लभभाभी सोकर झूठे तो कहने लगे- "बहुत कात लिया; अब बन्द कीजिये ।" वापू बोले- "हाँ, काता, काता। हमारा संघ रुक जानेवाला नहीं है। आखिर सेम्युअल होरके पास बैठनेवाला ठहरा न मैं !" वल्लभभाी- " नीचे. बहुत-सा काता हुआ पड़ा दिखता है।" शामको तो वल्लभभाभीकी वृत्ति भी हँसी करनेकी नहीं रही। बापूने बायें हाथसे शुरू किया । लगभग पाँच घण्टे मेहनत की होगी । बापू शामको बिलकुल थक गये थे; यक यकाकर आठ बजे पहले ही पैर दबवाते अँघने लगे । और झुठकर तुरंत सो गये । जाते जाते वल्लभभाीते कहने लगे--"देखिये, कल चरखा जरूर चलेगा । श्रद्धा बड़ी चीज है ।" वल्लभभाभी कहने लगे "अिममें भी श्रद्धा! बापू बोले "हाँ, हाँ, श्रद्धा तो होनी ही चाहिये ।" -

स्विटजलेण्डमें अफी अरिस्टार्शी नामकी राजकुमारी मिली थी। असके पत्र तो आते ही रहते हैं । बाके लेख पड़ने और अनसे मिलनेके कारणं अिस महिला पर बड़ा असर हुआ है, और वह असी असरकी बातें करती है। आज फादर अल्विनने रामकृष्ण परमहंसका वचन सुन्दर अलंकृत अक्षरोंमें अक कागजपर अतार कर भेजा है : When you are at work, use only one of your hands, and let the other touch the feet of the Lord. When your work is suspended, take his feet in both your hands and put them over your heart." जब तुम काम करते हो तो अपना अक हाय अिस्तेमाल करो और दूसरा भगवानके चरणोंमें रहने दो । जब काम बन्द रहे तब सुनके चरण दोनों हाथोंसे पकड़कर अपने हृदय पर रख लो।" मैंने बापूसे कहा असा मालूम होता है कि आप दायाँ और वायाँ दोनों हाथ काममें लेनेको कहते हैं, असके जवाबमें यह वचन आपको भेजा गया है।" वापू कहने लगे ." भिसमें कहाँ कहा है कि दोनों हाथ काममें न लो १ जिसमें तो दोनों हाथोंसे काम करनेका ही अपदेश है ।" १४३ 'बापू