सब कुछ ।" यह हँसी दिल्लगी हो रही थी कि मेजर वापस आ गये । साथमें मेजर डोअील और टॉमस थे। डोमीलने टॉमसका परिचय कराया । बापूके सामने कुरसी डालकर बैठा । टॉमस (गृहमंत्री) से बापू पहले कभी मिले नहीं थे। असने सफाभी दी कि "मैं किसी सरकारी कामसे नहीं आया हूँ। सिर्फ आपसे परिचय करने आया हूँ।" बापूने कहा ." मैं बहुत खुश हुआ। " तबीयतके हाल पूछे । आबहवाकी बात चली । यह पूछा कि पुस्तके-वुस्तकें काफी हैं या नहीं । झुई पढ़नेका जिक्र निकला । बापूने कहा ." लाहौर अंजुमनकी किताबें मेरे खयालसे आँखें खोलनेवाली हैं।" टॉमसने बहुत दिलचस्पीके साथ सुना और पूछा कि "दूसरी देशी भाषाओंमें भी क्या जैसी पुस्तकें हैं ? " बापू बोले- " मुझे मालूम नहीं । गुजरातीमें खास अिस तरहकी नहीं हैं।" फिर पूछा- "अिसमें पैगम्ब के बारेमें है ?" बापूने कहा -“नहीं, मुसलमान धर्मके बारेमें है । और मैं तो मुसलमान मानस समझनेके लिओ अिन्हें पढ़ता हूँ।" फिर टॉमसने पूछा ." क्या आप कुछ लिख रहे हैं ? " बापूने कहा- ." हाँ, आज कल आश्रमका अितिहास लिख रहा हूँ।" टॉमस - " तब तो आपको बहुत कागजात देखने पड़ते होंगे । बापू बोले " नहीं, मैंने तो 'आत्मकथा' और 'सत्याग्रहका अितिहास' भी कागजातके बिना ही लिखा था ।" टॉमस सब कुछ याददाश्त परसे ?” बापू - ." हाँ, और बादमें कागजातसे मिलान करके देखने पर अनमें कोी भूल नहीं जान पड़ी । यह अितिहास तो लिखना आसान है, क्योंकि अिसमें अतिहासिकसे नैतिक दृष्टि ज्यादा है। मुझे अिसमें यह लिखना है कि सब व्रतों और नियमोंका विकास किस तरह होता रहा है।" यह सुनकर कि बापू सब कुछ स्मृतसे ही लिखते हैं, टॉमस तो सुट्ट ही रह गया। फिर मुलाकातोंकी बात निकली । आप सरोजिनीसे तो नहीं मिलते " सुनसे मिलनेकी अिजाजत नहीं है ।" मीराबहनकी मुलाकातकी बात निकली । टॉमस कहने लगे मार आपने दूसरी मुलाकातें क्यों बन्द कर दी ? अिस तरह आपने अपने को सज़ा क्यों दी?" बापू - ."जो काम वे करती हैं असके कारण अन्हें न मिलने दिया जाय, तो मुझे किसीसे भी नहीं मिलना है।" टॉमस - मगर वे विलायत जो पत्र भेजती हैं। वे भेजना बन्द कर दें तो हमें आपत्ति नहीं ।" बापूने कहा- तो नहीं करेंगी। आपको देखने हों तो देखिये ।" टॉमस-" मगर जो नुकसान होना है वह तो हो जाता है । हम तो बादमें ही देख सकते हैं न?" बापू आप भुसका खंडन कीजिये। वह भरोसेके लायक होगा तो वे सुधार भी कर लेंगी ।" टॉमस -" मगर नुकसान होनेके बाद सुधार कैसा?" वापू-“यों तो क्या सरकार गलत खबर प्रकाशित नहीं करती १ मानवीय २४६ CC होंगे।" बापू - बन्द
पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/२६९
दिखावट